Sunday, November 29, 2009

सुपरमैन, मुझे उड़ना हैं





धरती पर लोग हैं ज्यादा, जगह हैं कम |
गाड़ियाँ हैं ज्यादा, पर सडकें हैं कम |
गर्मी हैं ज्यादा, a/c मेरे पास नहीं |
घूमने की चाह है, पर Visa मेरे पास नहीं |
इसीलिए,

सुपरमैन, मुझे उड़ना हैं !

कमीना था Newton !
जो गुरुत्वाकर्षण के नियम बनाये |
ताकि वो तो हीरो बने,
पर लोग उड़ना भूल जाएं |
अगर नियम सच थे तो फिर बताओ,
तुम कैसे उड़ पाए ?

सुपरमैन, मुझे उड़ना हैं !

गया थे हम Low cost airline में,
पर हवाई सुंदरी ने हमें बाहर किया |
क्योंकि हमने कहा 'उड़ना आज़ादी है',
सीट बेल्ट की कैद हमें रास न आई |
वाह रे मानव! धरती पर जगह न पाई,
तो तुने शुल्क हवाई जेल बनाई |

सुपरमैन, मुझे उड़ना हैं !

अंतरिक्ष के निर्वात में
सपनों के तरंग में
विचारों के बवंडर में


सुपरमैन, मुझे उड़ना हैं !