Saturday, January 08, 2011

Raat

ज़िन्दगी होती हैं सिर्फ जीने के लिए

सुबह शाम काम, नीरस बेजान |

ये ज़िन्दगी होती नहीं सिर्फ जीने के लिए
...
क्योंकि रात होती हैं मेरे दोस्त,

पीने के लिए

bhejo and mujhe aspatal

भेजो न मुझे अस्पताल ,
सिर्फ एक पागल हूँ मैं |

खुश रहता हूँ मैं बिन वजह,
हस्ता हूँ मैं बिन वजह |
...और करता हूँ मैं प्यार,
बिन वजह !

भेजो न मुझे अस्पताल ,
सिर्फ एक पागल हूँ में |

Nazar

पहली नज़र में प्यार हुआ
दूसरी नज़र ने किसी और को देखा
पहले नज़र में फिर प्यार हुआ |

Sapne

ओ प्रिये, रात में तू मेरी बाहों में रहती है |
फिर भी, प्यार तू किसी और से करती है |
में जानता हूँ, तू बेवफा नहीं |
पर क्या रात में सपने देखना , मेरी गलती है
?

Pagalpan

दुनिया वाले कहते हैं की मैं पागल हूँ |
पागल कहते हैं की मैं दुनिया वाला हूँ |
मुझे लोगों की परवाह नहीं ,
सिर्फ एक सवाल मेरे दिल में है प्रिये ,
तुम्हे दुनिया वाले पसंद हैं या पागल ?